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चिकित्सकों की कमी से वेंटिलेटर पर व्यवस्था


पाकुड़ । चिकित्सक व विशेषज्ञों की कमी के कारण जिले की चिकित्सा व्यवस्था लंबे समय से वेंटिलेटर पर है। चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। वहीं चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने के लिए सरकारी स्तर से भी कोई पहल नहीं हो रही है।

इस वक्त सदर अस्पताल में दो एक्स-रे मशीन है। टेक्नीशियन नहीं रहने से एक्स-रे मशीन बंद है। अल्ट्रासाउंड की भी मशीन मौजूद है। इससे जांच की जा रही है। अस्पताल में दो लैब है। सरकारी व राज्य द्वारा अनुमोदित एसआरएल। इसे चलाने के लिए लैब टेक्नीशियन बहाल किए गए हैं। दांत से परेशान मरीजों के लिए अत्याधुनिक मशीन लगाई गई है। सदर अस्पताल में ऑपरेशन की भी व्यवस्था है। कम वजन वाले नवजात शिशु को रखने के लिए रेडिएंट वार्मर मशीन भी है। सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में कुपोषण केंद्र संचालित हो रहे हैं। कालाजार का इलाज हो रहा है। एचआई्रवी टेस्ट की भी सुविधा सदर अस्पताल में मौजूद है।
महज 22 चिकित्सक कार्यरत

सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 22 चिकित्सक ही कार्यरत है। जबकि चिकित्सकों का 58 पद सृजित हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों का 16 पद सृजित है। इसमें दो कार्यरत है। दंत चिकित्सक के रूप में डॉ. आरके सिंह व स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ. डोमनिका मरांडी सदर अस्पताल में कार्यरत है। शिशु रोग विशेषज्ञ, मनो चिकित्सक, हड्डी रोग विशेषज्ञ, नाक,कान,गला रोग विशेषज्ञ, चर्म रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी है।
सामान्य बीमारी की दवा उपलब्ध

सदर अस्पताल में सामान्य बीमारी की दवा उपलब्ध है। अमोक्सासिलिन, सिप्रोफ्लोक्सासीन, एजेथ्रोमाइसिन एंटी बाइटिक उपलब्ध है। इसके अलावा सुगर, बीपी, सर्दी, खांसी, दर्द व बुखार की दवा भी उपलब्ध है। बच्चे व बड़ों के लिए कफ सिरप, गैस की दवा भी उपलब्ध है। कटने व चोट लगने पर कोविडीन, आयोडीन भी अस्पताल से मिल सकती है।

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सीमित संसाधनों में ही काम चलाया जा रहा है। सृजित पदों के अनुसार चिकित्सक नहीं है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी घोर कमी है। इसके बाद भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराया जा रहा है।

डॉ. रामदेव पासवान, सिविल सर्जन, पाकुड़

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