छोटा चांदपुर के रास्ता कमेटी अध्यक्ष नजरुल इस्लाम ने आवेदन में उल्लेख करते हुए लिखा है कि छोटा चांदपुर में बालू माफिया द्वारा गुमानी नदी से अवैध रूप से बालू उठाकर बेचा जाता है ।
प्रत्येक दिन लगभग कई दर्जन ट्रैक्टर, बालू लेकर गांव के रास्ते से बाहर जाती है जिससे आगलोई पुल से चांदपुर मुख्य सड़क तक की स्थिति अत्यंत जर्जर हो चुकी है ।
नजरुल इस्लाम बताते हैं कि अगलोई मध्य विद्यालय के पास गुमानी नदी में बने पुल से चांदपुर मुख्य सड़क तक ग्रामीणों से चंदा करके जमीन खरीद कर उक्त रास्ते का निर्माण किया गया था तथा उक्त सड़क की देखरेख के लिए गांव में एक कमेटी बनी हुई है जो चंदा कर उस सड़क की मरम्मत करती है ।
परंतु बालू माफिया द्वारा रोज बालू लदे दर्जनों ट्रैक्टर ले जाने के कारण उक्त सड़क इस बार बहुत जल्द अत्यंत जर्जर हो गई है ।
अब उस रास्ते से पब्लिक जन वाहन या एंबुलेंस तक नहीं जाती है जबकि आसपास के चार पांच गांव आने जाने के लिए यही एकमात्र सड़क है, दूसरा कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है ।
ऐसे में सड़क को अवैध बालू उठाव कर जर्जर कर देना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है ।
ग्रामीणों ने प्रशासन पर उठाया सवाल:-
ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन अवैध बालू उठाने को रोकने के लिए समय-समय पर टास्क फोर्स गठित करती है इसके बावजूद इस घाट पर निरंतर अवैध बालू उठाव जारी रहना कहीं ना कहीं माफियाओं का प्रशासनिक संरक्षण की ओर इशारा करती है ।
बालू उठाव से क्यों है नाराजगी:-
यूं तो गुमानी नदी से पहले भी निरंतर बालू उठाव होता आया है परंतु एनजीटी के आदेश के बाद भी बालू उठाव जारी है इसको लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित है ।
भारी मात्रा में बालू उठाव मृदा अपरदन का कारण बन रही है जिससे नदी के दोनों किनारे रहने वाले बाशिंदों का आशियाना उजड़ने का डर बना रहता है ।
हाल ही में कुछ हफ्ते पहले छोटा चांदपुर बालू घाट से कुछ ही दूरी पर नदी कटाव होने पर चांदपुर से बसना, नकसिमल, धरमपुर, पुरुलियाडांगा आदि गांव जाने वाली मुख्य पीसीसी सड़क धंस का नदी में समा गई जिसके कारण उक्त सड़क पर यातायात पूर्ण रूप से बाधित है ।
शिकायत करने में नहीं है ग्रामीणों की रूचि:-
ग्रामीणों ने बताया कि चांदपुर में अवैध बालू उठाव का खेल पूरी बरसात चलता रहा परंतु इसकी शिकायत किसी ने नहीं की, क्योंकि भोले-भाले ग्रामीण बालू माफियाओं से झगड़ा मोल लेकर झमेले में पड़ना नहीं चाहता है ।
कई बताते हैं कि सूचना या शिकायत करने के बाद भी शिकायत, शिकायत ही बन कर रह जाती है, इस पर कोई कार्रवाई नजर नहीं आती है ।
जल जंगल जमीन को बचाने की कसम खाने वाले सरकार के नुमाइंदे इसकी रक्षा करने में असफल साबित हो रहे हैं ।
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी :-
अंचलाधिकारी बरहरवा ने कहा कि ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया है, मामले की जांच कराई जाएगी, दोषी पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई होगी.
क्या कहते है ग्रामीण :-
वसीम अख्तर ने रोजगार की कमी होने के कारण गांव के युवा बालू उठाने पर मजबूर हैं, स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रशासन युवाओं को समुचित रोजगार दिलाएं
नूर नबी ने कहा कि बालू उठाव के कारण सड़क जर्जर हो चुकी है, प्रशासन माफियाओं पर कार्रवाई कर उक्त सड़क का मुवावजा वसूलें
अबरार आलम ने कहा कि प्रशासन की तरफ से कोई अंकुश नहीं रहने के कारण बालू माफिया मनमानी कर रहे हैं, प्रशासन को ठोस कदम उठाना चाहिए ।
अब्दुल मालेक ने कहा कि टास्क फोर्स गठित होने के बाद भी निरंतर बालू उठाव जारी रहना दुर्भाग्यपूर्ण है, प्रशासन को जल्द एक्शन लेना चाहिए ।
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