पाकुड़ : नदियों से बालू के उठाव पर एनजीटी का रोक समाप्त हो गया है। अब जिले के चिह्नित 12 घाटों से गैर वाणिज्यिक उपयोग के लिए बालू का उठाव किया जा सकता है। उक्त बातें उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक में कही।
उपायुक्त ने जिले के सभी बीडीओ और सीओ को मुखिया के साथ प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि किसी भी हाल में बालू का व्यवसायिक उपयोग के लिए उठाव नहीं हो यह सुनिश्चित होना चाहिए। बालू उठाव करने वाले सभी वाहनों का परिवहन चालान काटना अनिवार्य होगा। उपायुक्त ने सभी बीडीओ को चालान रसीद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा। जहां रसीद समाप्त हो गया होगा वह संबंधित कार्यालय से प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को अवैध बालू खनन एवं परिवहन पर कार्रवाई का निर्देश दिया। वीसी में उपस्थित एसडीओ एवं डीएमओ को अगुवाई करते हुए डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स के तहत छापेमारी अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय बैठक में इसकी समीक्षा की जाएगी कि टीम ने कितनों पर कार्रवाई की है। वहीं, जिला पंचायती राज पदाधिकारी मुकेश कुमार को पंचायतों के सभी घाटों का अपने स्तर से अनुश्रवण कर पंचायतों को आवश्यक निर्देश देने को कहा। मौके पर एसपी मणिलाल मंडल ने सभी अधिकारियों को समन्वय बनाकर बालू के अवैध खनन एवं परिवहन पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया। कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन से जिले के 12 बालू घाटों के संचालन की अनुमति प्राप्त है। इनमें लिट्टीपाड़ा प्रखंड में छह पंचायत, महेशपुर प्रखंड में पांच पंचायत एवं पाकुड़िया प्रखंड में एक पंचायत में बालू घाट अवस्थित है। इधर, बालू के उठाव पर रोक हट जाने से भवन व दूसरे निर्माण में लगे लोगों को बड़ी राहत होगी। बालू उठाव पर रोक के कारण जिले का विकास कार्य भी काफी प्रभावित हो रहा है।
0 टिप्पणियाँ