Ticker

6/recent/ticker-posts

झारखंड हाईकोर्ट में जज ने दिया सबूत:सरकार ने कहा- राज्य में गुटखा बैन है; चीफ जस्टिस ने कर्मचारी से गुटखा मंगवाया और बोले- यही है आपका प्रतिबंध?


रांची :- झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को राज्य में गुटखा प्रतिबंध को लेकर फरियादी फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉक्टर रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए खाद एवं सुरक्षा विभाग के विशेष सचिव चंद्र किशोर उरांव ने कहा कि झारखंड में गुटखा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।

सुनवाई के दौरान ही चीफ जस्टिस ने कर्मचारी को पैसे देकर गुटखा मंगवाया, विशेष सचिव को दिखाया और फिर पूछा यह कैसा प्रतिबंध है? आपने कहा कि प्रतिबंध है और मैंने मंगाकर दिखाया। चीफ जस्टिस बोले कि गुटखा बिक रहा है तो या तो बाहर से आ रहा है या यहां बन रहा है। अगर बाहर से गुटखा आ रहा है तो उसे रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?

इसकी रोकथाम के लिए कैसे अधिकारी को लगाया गया है? क्यों नहीं रुक रहा है? और कैसे आ रहा है? चीफ जस्टिस के सवालों का जवाब विशेष सचिव नहीं दे पाए। उन्होंने खंडपीठ के सामने कहा कि सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी। खंडपीठ ने कहा है कि पूर्ण प्रतिबंध लगाकर इस मामले में विस्तृत जवाब पेश करें। मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।

प्रतिबंध लगाने से पूर्व कोई स्टडी की गई थी
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान स्पेशल सेक्रेटरी से पूछा कि गुटखा पर प्रतिबंध लगाने से पहले कोई योजना बनाई गई थी। या फिर कोई स्टडी की गई थी। गुटखे से कितना नुकसान या सरकार को कितना राजस्व का नुकसान होता है। इस पर सरकार की कोई स्टडी रिपोर्ट है?

तीन महीने पहले राज्य में गुटखा पर प्रतिबंध और बढ़ा

तीन महीने पहले राज्य में तंबाकू युक्त गुटखा पर प्रतिबंध एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव की ओर से आदेश जारी किया गया था। अब यह प्रतिबंध 25 जुलाई 2021 तक लागू रहेगा। राज्य में 2012 से ही गुटखा पर प्रतिबंध है। इसे हर साल एक साल के लिए बढ़ाया जा रहा है।

इधर, कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 26 जून को पूरे राज्य में सार्वजनिक जगहों पर सभी तरह के तम्बाकू उत्पादों जैसे- सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, हुक्का, खैनी, जर्दा, गुटका और इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर जहां-तहां थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है।

11 ब्रांड के पान मसालों पर भी है एक साल के लिए बैन

राज्य में पान पराग, रजनीगंधा, विमल समेत 11 ब्रांड के पान मसालों की बिक्री पर अगले एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी साल मई में यह प्रतिबंध लगाया गया है। इन पान मसालों की जांच में खतरनाक मैग्निशियम कार्बोनेट रसायन पाया गया था। इसमें पान पराग पान मसाला, शिखर, रजनीगंधा, दिलरूबा, राज निवास, मुसाफिर, मधु, विमल, बहार, सेहत, पान पराग प्रीमियम शामिल है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ