साहिबगंज :- साहिबगंज के लकीपुर गांव की घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध,तत्काल कार्रवाई करे झारखंड सरकार!
उक्त बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने बयान जारी करते हुए कहा ।
उन्होंने मौजूदा झारखंड सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि साहिबगंज जिले के लखीमपुर में एक तेरह वर्षीया आदिवासी नाबालिग बच्ची की हत्या की घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है और मैं इसकी की तीव्र निंदा करता हूँ।
हत्या के साथ गैंगरेप की भी बात सामने आ रही है और पुलिस इस मामले को कवर अप करने की कोशिश में लगी है।पीड़िता की मां ने थाने जाकर इस पूरे मामले की शिकायत की थी।लेकिन रंगा थाने के थानेदार ने उन्हें इस मामले को गांव में ही सलटाने की बात कहकर लौटा दिया था।
उसके बाद निराश परिजनों ने पीड़िता को दफना दिया।मैंने आज 12बजे एसपी साहबगंज से बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी घटना की जानकारी कल ही मिली है।स्थानीय डीएसपी ने भी इस घटना की जानकारी नहीं होने की बात कही।
अब पीड़िता की माता का वीडियो स्टेटमेंट सामने आ गया है कि वह थाने गई थी और थानेदार ने मामले को लेने से इनकार किया था।ऐसे में पुलिस की भूमिका बहुत निंदनीय हो जाती है।जिस तरीके से एक नाबालिग की हत्या के बाद न्याय मांगने थाना गई माता को पुलिस ने भगा दिया यह पूरे सिस्टम की वास्तविकता को दिखाता है।
अविलम्ब दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करके पूरे घटना की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाए।क्योंकि वहाँ की पुलिस खुद इस मामले में कार्रवाई न करने को लेकर कठघरे में है।आज पुलिस की मौजूदगी में दफनाए गए बच्ची के शव को फिर से निकाला गया है।
हेमंत सरकार के कार्यकाल में बेटियां बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं और इस सरकार के कार्यकाल में बलात्कार की रिकॉर्ड संख्या में घटनाएं हुई हैं। यह घटना मुख्यमंत्री के विधानसभा इलाक़े में हुई है।जब मुख्यमंत्री के विधानसभा इलाक़े में यह स्थिति है तो पूरे प्रदेश की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।
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